जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय उत्तर प्रदेश

छात्रों को उत्कृष्ठ आवासीय शिक्षा निःशुल्क प्रदान करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। शिक्षा के साथ-साथ निःशुल्क छात्रावास,पाठ्य पुस्तकें,यूनीफार्म एवं खेल कूद आदि की व्यवस्था राज्य सरकार करती है।इन विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति,25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है।

वर्ष 1961 में रामपुर में जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना की गई | वर्ष 1976-77 तक राज्य में कुल 23 जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किये जा रहे थे | वर्ष 2005-06 में राज्य में कुल 54 विद्यालयों की स्थापना की गई | वर्ष 2007 में, राज्य सरकार द्वारा सभी स्कूलों को उच्चीकृत करने और उन्हें कक्षा 1 से 12 तक चलाने का निर्यण लिया गया था |प्रतिभावान एवं निर्धन छात्रो को उत्क्रष्ट नि:शुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा राज्य में 94 जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालयो को संचालित किया जा रहा है |

समाचार एवं घटना क्रम

June 15, 2023 – October 14, 2024

विद्यालय का स्वरूप आवासीय होने के कारण विद्यालय में निर्मित छात्रावास पृथक रूप से बालक और बालिकाओं के लिए उपलब्ध है।

May 11, 2023 – April 23, 2024

उक्त 94 जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालयों में से 45 सी.बी.एस.ई. बोर्ड से एवं अवशेष 49 माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से सम्बद्ध है। 93 जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है। बालक- बालिकाओ हेतु पृथक-पृथक जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित है।

April 16, 2023 – March 29, 2024

प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति / विमुक्त जाति के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के निर्धन एवं प्रतिभावान छात्रों को उत्कृष्ठ आवासीय शिक्षा निःशुल्क प्रदान करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में 94 जय प्रकाश नारायण आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। शिक्षा के साथ-साथ निःशुल्क छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें,यूनीफार्म एवं खेल कूद आदि की व्यवस्था राज्य सरकार करती है। इन विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति,25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है।